कोलकताः पश्चिम बंगालमधील (West Bengal) नवरात्रीचा (Navratri) सण अवघ्या देशासाठी लक्षवेधी ठरत असतो. मात्र सध्या इथे नवीनच वाद सुरु झालाय. पश्चिम बंगालच्या मुख्यमंत्री ममता बॅनर्जी (Mamata Banerjee) यांनी महालय अर्थात पितृपक्षातील अमावस्येपूर्वीच दुर्गा पूजेच्या मंडपांचं उद्घाटन सुरु केलंय. बंगालमधील प्रथेनुसार पितृपक्षात दुर्गा पूजा मंडपात पूजा किंवा तेथे जाऊन उद्घाटन करणं टाळलं जातं. त्यामुळे सोशल मीडियावर ममत बॅनर्जींवर चहुबाजूंनी टीका होतेय. बंगालच्या राजकीय वर्तुळात गुरुवारपासून हीच चर्चा आहे.
गुरुवारी ममता बॅनर्जी यांनी श्रीभूमी, साल्टलेट एफडी ब्लॉक आणि टाला पाडा येथील दुर्गा मंडळाचं उद्घाटन केलं. त्यामुळे विरोधकांनी जोरदार टीका सुरु केली आहे.
बंगालमधील आणि एकूणच हिंदु धर्मातील प्रथेनुसार, महालयापूर्वीच अशा प्रकारे पूजा मंडळांचं उद्घटन योग्य नाही, असा आरोप विरोधकांनी केला आहे.
श्रीभूमी येथील मंडपाचं उद्घाटन करताना ममता बॅनर्जी म्हणाल्या, देवीला अद्याप आभूषणं घातलेली नाहीत. त्यामुळे मला माफ कर…’
विरोधी पक्षनेते शुभेंदू अधिकारी यांनी ट्विट केलं, मुख्यमंत्र्यांनी पितृपक्षातच दुर्गा पूजेचं उद्घाटन केलं. या काळात पूर्वजांना तर्पण केलं जातं. त्यांच्या शांतीसाठी प्रार्थना केली जाते. या काळात कोणतंही शुभ कार्य केलं जात नाही. त्यांनी एकट्यानेच सर्व बंगालींना संपवण्याचा निर्णय घेतलाय… ‘
বাংলার লজ্জা
পিতৃপক্ষে দুর্গাপুজোর উদ্বোধন করে দিলেন মাননীয়া। পিতৃপক্ষে পূর্ব পুরুষদের উদ্দেশে তর্পণ করা হয়। প্রেত দোষ মুক্ত করার জন্য উত্তরপুরুষ ব্রতী হন। এখন কোনও শুভ কাজ হয় না। দেবীপক্ষে নবরাত্রি শুরু হলে মায়ের আরাধনা হয়। বাঙালির সবটাই একা শেষ করে দেওয়ার সংকল্প নিয়েছেন। pic.twitter.com/56mAO14bYI— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) September 22, 2022
तर ज्येष्ठ काँग्रेस खासदार प्रदीप भट्टाचार्य यांनी म्हटलं, ‘ पितृपक्ष म्हणजे प्रेतपक्ष असतो. याकाळात दूर्गा पूजेचं उद्घाटन कसं होऊ शकतं? मुख्यमंत्री आपली ताकद वापरून काहीही करू शकतात. पण पूजा करायची असेल तर शास्त्रातील नियमांचं पालन करावंच लागेल..’
বাংলার লজ্জা
পিতৃপক্ষে দুর্গাপুজোর উদ্বোধন করে দিলেন মাননীয়া। পিতৃপক্ষে পূর্ব পুরুষদের উদ্দেশে তর্পণ করা হয়। প্রেত দোষ মুক্ত করার জন্য উত্তরপুরুষ ব্রতী হন। এখন কোনও শুভ কাজ হয় না। দেবীপক্ষে নবরাত্রি শুরু হলে মায়ের আরাধনা হয়। বাঙালির সবটাই একা শেষ করে দেওয়ার সংকল্প নিয়েছেন। pic.twitter.com/56mAO14bYI— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) September 22, 2022