सुशांत सिंह राजपूतच्या ‘या’ डायलॉगने जिंकलं चाहत्यांचं मन, आजही नाही विसरु शकले चाहते

| Updated on: Jun 15, 2024 | 2:43 PM

दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत याच्या निधनाला 4 वर्ष पूर्ण झाली आहेत. पण अभिनेत्याला कोणीच विसरू शकलं नाही. सुशांत याचे असे काही डायलॉग आहेत, जे चाहते कधीच विसरू शकणार नाही...आयुष्य जगण्याचा खरा अर्थ सांगतात सुशांत सिंह राजपूतचे 'हे' डायलॉग

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जन्म कब लेना है और मरना  कब है ये हम डिसाइड नहीं कर सकते लेकिन कैसे जीना है वो हम डियाइड कर सकते  है...

जन्म कब लेना है और मरना कब है ये हम डिसाइड नहीं कर सकते लेकिन कैसे जीना है वो हम डियाइड कर सकते है...

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हम हार जीत, सक्सेस, फेलियर में इतना उलझ गए है कि जिन्दगी जीना भूल गए है. जिन्दगी मे अगर कुछ सबसे ज्यादा जरुरी है तो वो है खुद जिंगदी

हम हार जीत, सक्सेस, फेलियर में इतना उलझ गए है कि जिन्दगी जीना भूल गए है. जिन्दगी मे अगर कुछ सबसे ज्यादा जरुरी है तो वो है खुद जिंगदी

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'जिस महफिल ने ठुकराया हमको, क्यों उस महफिल को याद करें, आगे लम्हा बुला रहा, आओ उसके साथ चलें'

'जिस महफिल ने ठुकराया हमको, क्यों उस महफिल को याद करें, आगे लम्हा बुला रहा, आओ उसके साथ चलें'

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'तुम्हारा रिजल्ट डिसाइड नहीं करता है कि तुम लूजर हो कि नहीं, तुम्हारी कोशिश डिसाइड करती है।'

'तुम्हारा रिजल्ट डिसाइड नहीं करता है कि तुम लूजर हो कि नहीं, तुम्हारी कोशिश डिसाइड करती है।'

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 'सक्सेस के बाद का प्लान सबके पास है लेकिन अगर गलती से फेल हो गए तो फेलियर से कैसे डील करना है इसकी कोई बात ही नहीं करना चाहता'।

'सक्सेस के बाद का प्लान सबके पास है लेकिन अगर गलती से फेल हो गए तो फेलियर से कैसे डील करना है इसकी कोई बात ही नहीं करना चाहता'।